"रिश्ता कुछ ऐसा है मेरा माँ के साथ,
मेरा हर दर्द वो महसूस कर लेती है ,
पास होता हूँ तो आँखें पढ़ लेती है ,
दूर होता हूँ तो मेरी हर परेशानी ,
बस आवाज से समझ लेती है."
"नासमझ मैं आज भी हूँ ,जानतीं है वो ,
समझाती है प्यार से ,कभी डाँठती है वो ,
मैं अक्सर रूठ जाता हूँ छोटे बच्चे कि तरह ,
माँ मनाती है मुझे आज भी ,
फेर कर सर पे हाथ ,
बिल्कुल बचपन की तरह....... "