Friday, 28 August 2015

मैं चलना चाहता हूँ थाम कर तेरा हाथ.....

"मैं चलना चाहता हूँ थाम कर तेरा हाथ,
तब तक
जब तक सफर थम न जाये जिंदगी का ,
मैं जानना चाहता हूँ हर वो बात ,
जो निकले तेरी जुबाँ से ,
क्यूँकि मेरी जिंदगी का संगीत
बसता है तेरी कही बातों में.…………
मैं जीना चाहता हूँ तेरी आँखों से आँखे मिला कर ,
तब तक ,
जब तक रोशनी है इनमे ,
क्यूँकि तेरी आँखे दिखाती है आईने सच्चाई के ,
और खूबशूरती भरी है कुदरत की इनमे "

2 comments: