Sunday, 23 August 2015

रिश्ता कुछ ऐसा है मेरा माँ के साथ, मेरा हर दर्द वो महसूस कर लेती है....

"रिश्ता कुछ ऐसा है मेरा माँ के साथ,
मेरा हर दर्द वो महसूस कर लेती है ,
पास होता हूँ तो आँखें पढ़ लेती है ,
दूर होता हूँ तो मेरी हर परेशानी  ,
बस आवाज से समझ लेती है."

"नासमझ मैं आज भी हूँ ,जानतीं है वो ,
समझाती है प्यार से ,कभी डाँठती है वो ,
मैं अक्सर रूठ जाता हूँ छोटे बच्चे कि तरह ,
माँ मनाती है मुझे आज भी , 
फेर कर सर पे हाथ ,
बिल्कुल बचपन की तरह....... "

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