Monday 26 January 2015

कितना भी दूर जाऊँ , तेरे करीब आ ही जाता हूँ..............


कितना भी दूर जाऊँ ,
तेरे करीब आ ही जाता हूँ, 
कोई तो बात होगी मेरी चाहत में,
जो मुझे तेरे करीब ले आती है। …… 
मैं जिया हूँ मुफलिसी में ,
और कोई इल्म नहीं अमीरी का,
बस ख़यालुं का अमीर हूँ,
बाकी गरीब हूँ पैसे के बोझ का.....

Wednesday 7 January 2015

रोटी सुकून से मिल जाती है, मन बैचैनी का आदी है.....

रोटी सुकून से मिल जाती है,
मन बैचैनी का आदी है,
ये मन मैला है और गन्दा है,
खुदगर्जी में अँधा है

देख व्यथा,करुणा और तिरस्कार,
मेरे मन में जागा है बैर भाव,
अपनी इस गलती पर शर्मिन्दा हूँ,
बेशर्मी के परदे में छिपा हुआ
बेगैरत हूँ , पर जिन्दा हूँ,
इन्सान हूँ ,
गलतियों का पुलिंदा हूँ। …… 

Tuesday 6 January 2015

मैंने अपने ख्वाबों को, बिखरते देखा है बादलों सा...

मैंने अपने ख्वाबों को,
बिखरते देखा है बादलों सा ,
और बरसते हुए पाया ,
जब - जब वो टकराये ,
उनके गुरुर की चट्टान से……
मैंने उन्हें धुला-धुला सा पाया ,
हर बरसात के बाद,
और खिला हुआ पाया,
मुश्किल वक़्त गुजरने के साथ..........
ये ख्वाब मेरे , रहते हैं साथ मेरे,
चलते हैं,बिखरते हैं पर ठहरते नहीं ,
झुलसते हैं, बरसते हैं ,
पर झुकते नहीं,
मुझे गम नहीं इनके टूट जाने का,
पर गवारा नहीं झुकना इनका .......

Saturday 3 January 2015

कोई ख्वाब तूने भी सिरहाने छिपाया होगा....

कोई ख्वाब तूने भी सिरहाने छिपाया होगा,
एक राज तूने भी सबसे छिपाया होगा ,
याद तो तुझे भी होगा वो चेहरा,
जिसने तुझे  हंसने का हुनर सिखाया होगा .......

तेरी आँखों की चमक ने ,
रोशन किया होगा उसके मन का हर कोना ,
कभी उसकी बेरुखी ने तुझे रुलाया भी होगा ,
याद आज भी करता होगा वो तुझे,
तेरी बेफिक्र हँसी को उसने भुलाया न  होगा
एक सच उसने भी छिपाया होगा ,
शायद अपनी जिंदगी का स्याह पहलू न दिखाया होगा ,
आज वो दूर है तुझसे,
और शायद याद भी न करता हो तुझे ,
पर यकीं मान मेरा ,
तुझे चाह कर उसने किसी और को न चाहा होगा

Thursday 1 January 2015

तुम सिर्फ चेहरा देखकर कोई ख्वाब पाल लेते हो.......

तुम सिर्फ चेहरा देखकर
कोई ख्वाब पाल लेते हो ,
और बिना सच जाने ,
किसी को भी गुनेहगार मान लेते हो।
माना चेहरा आईना होता है इंसान का,
पर आईने भी झूठ बोलते हैं ,
ये तुम भी मानते हो.…
आईने छिपा देते हैं सच्चाई ,
एक चेहरे के पीछे की ,
और दिखाते हैं हर वो झूठ ,
जो तलाशना चाहते हैं हम ,
गहराई में उस चेहरे की। …
 शायद हम डरते हैं ,
करीब जाने से,,
अनजाने चेहरो को अपनाने से ,
कोई रूठे तो मानाने से,
या खुद को आजमाने से .......