Friday 15 January 2016

Parent's Love ...

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माँ ने प्यार से सर पर हाथ फेरा,और आँसू उमड़ आये आँखों में ,
बचपन होता तो शिकायत करता माँ से सारे ज़माने की,
आँसू पी लिए , मन का बोझ हल्का हो गया। 
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बचपन में किसी गलती पर,पिताजी ने जड़ दिया एक थप्पड़,
कोमल गालों पर उभर आये उंगुलियों के लाल निशान,
और आँसू दोनों की आँखों में। 
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Tuesday 12 January 2016

मैं बदनाम हूँ

मैं बदनाम हूँ,
हर शाम को जाम से रंगीन बनाता हुआ,
और नशे में डूबकर ,
चीखता - चिल्लाता हुआ ,
मैं बदनाम हूँ। 
अपनी धुन में मस्तमौला,
लड़खड़ाकर चलता हुआ,
घूरती भीड़ की , 
आँखों में आँखें डालकर ,
बेवजह उलझता हुआ,
और बेफिक्र उनकी तोहमतों से,
मैं बदनाम हूँ। 

Sunday 10 January 2016

तुमसे मिलकर ऐसा लगा

तुमसे मिलकर ऐसा लगा ,
जैसे तपती दोपहर में बौछार मिल गयी हो,
मरुभूमि में जैसे छाँव मिल गयी हो ,
पिंजरे में कैद पंछी को ,
पूरा आसमां मिल गया हो 
अनाथ हो चुके सपनों को 
माँ का साथ मिल गया हो,
जीवन की जटिलता को 
सरलता का एहसास मिल गया हो,
एक पापी को उसके गुनाहो ने 
माफ़ कर दिया हो ,
ऐसा लगा ,
जैसे जीवन का सार मिल गया हो 
एक गरीब को पूरा संसार मिल गया हो।

Friday 8 January 2016

Shimla Diary

कल टहलते हुए,शिमला की शांत सड़क पर,
देखे थे कुछ पत्ते बिखरे हुए ,
सोचता हूँ ,
उनका भी कोई रिश्ता रहा होगा पेड़ के साथ ,
शायद झाड़ कर इन्हें सुबह कोई इकठ्ठा करेगा ,
और सर्द सुबह में सेकेगा आग। 

Thursday 7 January 2016

बेचैनी

आज मन बुन रहा है सपने कई,
और वास्तविकता की तलवार,
सपनों के साहस का इम्तहान ले रही है। 

Wednesday 6 January 2016

ख्वाब

थे कई ख्वाब ,
बनकर सितारे ,पहुँच से दूर होते रहे,
यादों के आसमान में आज भी चमकते हैं ,
जब - जब करता हूँ ऊपर वाले से  सवाल। 

Friday 1 January 2016

उम्मीद

जो हर दरवाजा मिले बंद इस शहर में ,
बेझिझक चले आना मेरी गली,
मैंने दरवाजा खुला छोड़ा है तबसे,
जब तुम गये थे रूठकर , 
खाकर कसम कभी न लौटने की।