Friday, 14 August 2015

बंजर जमीं आज लहू माँगती है.....

बंजर जमीं आज लहू माँगती है ,
आजादी आज अपनी कीमत माँगती है,
अमन वो भी चाहता था ,
जो सरहद पर शहीद हो गया ,
आज उसकी लाश कफ़न माँगती है ,

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