Wednesday, 9 September 2015

लिखूं कुछ ऐसा की वो रो पड़े....

"लिखूं कुछ ऐसा की वो रो पड़े,
कलम से लहू बन स्याही गिरे ,
दाग दामन में ना उनके लगे ,
पर कशक उम्र भर उन्हें भी रहे "

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