Sunday, 20 September 2015

मृत्यु या मिथक

मृत्यु है ,
अहमियत खो देना,अपनों की निगाह में,
बोझ बनकर जीना,गैर की पनाह में 
मृत्यु है ,
सत्य से मुँह मोड़ना ,
और स्वार्थ की बुनियाद पर ,
रिश्तों की अहमियत तोलना ....

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