अजनबी का सफर, अजनबी से अजनबी तक........
Wednesday, 30 December 2015
मोहब्बत
मोहब्बत कब मिली है किसी को भीख में यहाँ ,
हक़ कुछ ऐसा है ये मेरा,
ना छीना जाता है ना छोड़ा जाता है।
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