अजनबी का सफर, अजनबी से अजनबी तक........
Wednesday, 29 October 2014
ऐ दिल ना इतने रंग बदल..
"ऐ दिल ना इतने रंग बदल,
छोटी ख़ुशी के लिए न इतना मचल ,
न गम के डर से इतना सम्हल ,
जीने दे जिंदगी मुझे आजादी से ,
ऐ दिल ना इतने रंग बदल"
Monday, 27 October 2014
तेरी हँसी .... :)
"एक अरमान जगाती,
हर लम्हे को जीवन देती ,
तेरी हँसी ... :)
नये रँगों से रूबरू कराती,
सपने और हकीकत की दूरियाँ मिटाती,
तेरी हँसी मुझे सच्चाई के आईने दिखाती..
एक वजह जीने की,
उगते सूरज सी चमकती ,
और शांत ढलते शाम सी ,
तेरी हँसी,
हिम्मत न हारने का का पैगाम देती,
हाँ तेरी हँसी वजह है मेरे हँसने की ,
एक आश बुरा वक़्त गुजर जाने की ,
इशारा है तकदीर बदल जाने की,
तेरी ये हँसी . :) "
Wednesday, 22 October 2014
मृत्यु
"मृत्यु है,
जलना हर पल एहसास में गुनाह के,
व्यथित मन से लड़ते रहना ,
अपने वजूद की तलाश में.…।
मृत्यु है ,
जीते जी अहमियत खो देना,
किसी का ये एहसास दिलाना ,
कि तुम्हारे होने न होने से ,
तुम्हारे रुकने या जाने से ,
कोई फर्क नहीं पड़ता ,
तुम्हारे माफ़ी मांगने से
या टूट कर बिखर जाने से ………… "
काश निकल आते बाहर दायरे से नासमझी के अपने...
"काश निकल आते बाहर दायरे से नासमझी के अपने ,
ना गुनाहों का ये बोझ होता ,
ना गलत ये दौर होता ,
ना तपिश होती सवालों में इतनी ,
ना नश्तर से चुभते जवाब जिंदगी के।
काश थोड़ा सब्र और रखा होता,
ये दौर अलग होता,
न यूँ बिखरने का शोक होता ,
ना ताउम्र बिछड़ने का अफ़सोस होता। ............. "
Tuesday, 21 October 2014
जब कभी जिक्र आता है महफ़िल में तेरा...
"जब कभी जिक्र आता है महफ़िल में तेरा,
मैं ओढ़ लेता हूँ ,
चादर ख़ामोशी की ,
दलदल यादों का,
पुरानी बातों का ,
आकर्षित करता है अपनी ओर मुझे,
मैं अक्सर डूबता जाता हूँ गहराई में,
कोशिश में बाहर निकलने की……"
Saturday, 18 October 2014
तुझ में और खुदा में कोई फर्क नहीं.....
"तुझ में और खुदा में कोई फर्क नहीं,
न तू मेरी बात सुनता है,
न वो मेरी फरियाद सुनता है
वो अक्सर नाराज रहता है मुझसे ,
तू भी खुश नहीं मेरे करीब आने से ,
मैं उससे रिश्ता तोड़ लेता हूँ हारकर ,
और तू मुझे छोड़ जाता है फिर से
उसी खुदा के भरोसे……… "
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