Tuesday, 2 December 2014

हर शख्श की आँखूं में , खौफ की तस्वीर है............

हर शख्श की आँखूं में ,
खौफ की तस्वीर है,
हर किसी को शिकायत यहाँ,
कैसी मेरी तकदीर है......
भीड़ में तन्हा सभी ,
और तन्हाई में शोर है,
हँसी में भी दर्द इतना,
दिल तेरा झकझोर दे........
हर दिल में हैं रंजिश भरी,
और नफ़रतें भी कम नहीं,
लोग मिलते हैं गले,
पर दूरियाँ मिटती नही....
जो दूरियाँ तय करने चले,
तो उम्र ही ढल जाएगी ,
एकतरफा कोशिश मेरी,
फासलों से हार जायेंगी.... :)

2 comments:

  1. हँसी में भी दर्द इतना,
    दिल तेरा झकझोर दे........
    हर दिल में हैं रंजिश भरी,
    और नफ़रतें भी कम नहीं,
    लोग मिलते हैं गले,
    पर दूरियाँ मिटती नही...
    बहुत सुन्दर

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