खामोश रहना ही
भला,
जब जोर न
कोई चला,
आँखों से बहते
नीर को,
दामन जो तेरा
ना मिला......
आरजू जो थी
खुदा से ,
आह बनकर रह
गयी,
तेरे साथ चलने
की गुजारिश ,.
प्यास बनकर रह
गयी....
उम्मीद की थी
एक किरण ,
बादलों में जो
घुल गयी ,
बारिश तो जोरों
से हुई,
पर प्यास मेरी ना
बुझी......
उम्मीद जो टूटने
लगे,
तो आरजू करता
दिल ,
और हर आरजू
होगी पूरी ,
उम्मीद करता है
नादान दिल
खामोश रहना ही भला,
ReplyDeleteजब जोर न कोई चला,
आँखों से बहते नीर को,
दामन जो तेरा ना मिला......
आरजू जो थी खुदा से ,
आह बनकर रह गयी,
तेरे साथ चलने की गुजारिश ,.
प्यास बनकर रह गयी....
उम्मीद की थी एक किरण ,
बादलों में जो घुल गयी ,
बारिश तो जोरों से हुई,
पर प्यास मेरी ना बुझी......
बढ़िया
Thank you :)
Deletegood one
ReplyDeleteThank you for appreciation... :)
Delete