Saturday, 18 October 2014

तुझ में और खुदा में कोई फर्क नहीं.....

"तुझ में और खुदा में कोई फर्क नहीं,
न तू मेरी बात सुनता है,
न वो  मेरी फरियाद सुनता है 

वो अक्सर नाराज रहता है मुझसे ,
तू भी खुश नहीं मेरे करीब आने से ,
मैं उससे रिश्ता तोड़ लेता हूँ हारकर ,
और तू मुझे छोड़ जाता है फिर से 
उसी खुदा के भरोसे……… "

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