"तुझ में और खुदा में कोई फर्क नहीं,
न तू मेरी बात सुनता है,
न वो मेरी फरियाद सुनता है
वो अक्सर नाराज रहता है मुझसे ,
तू भी खुश नहीं मेरे करीब आने से ,
मैं उससे रिश्ता तोड़ लेता हूँ हारकर ,
और तू मुझे छोड़ जाता है फिर से
उसी खुदा के भरोसे……… "
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